Property Registry Rules : खुशखबरी ! अब महिलाओं के नाम से संपति की रजिस्ट्री पर मिलेगा, 1 लाख रुपए की छूट।

Property Registry Rules – अगर आप या आपके घर की महिला सदस्य कोई संपत्ति खरीदने की सोच रही हैं, तो यह खबर आपके लिए किसी तोहफे से कम नहीं है। सरकार ने महिलाओं को प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन के दौरान बड़ी राहत दी है – अब महिला के नाम से संपत्ति की रजिस्ट्री करवाई जाती है, तो ₹1 लाख तक की छूट दी जाएगी। यह छूट न सिर्फ पैसे बचाने में मदद करेगी, बल्कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है। आज के समय में जब घर की कीमतें बढ़ती जा रही हैं, ऐसे में यह योजना मध्यमवर्गीय परिवारों और महिलाओं के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित हो सकती है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि यह नियम क्या है, कैसे इसका फायदा लिया जा सकता है, और किन लोगों को इससे सीधा लाभ मिलेगा – वो भी आम भाषा में, बिल्कुल आसान तरीके से।

महिला संपत्ति रजिस्ट्री छूट योजना क्या है?

सरकार ने महिलाओं को प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री में आर्थिक राहत देने के लिए यह नई योजना शुरू की है।

  • यदि कोई महिला अपने नाम से फ्लैट, मकान या प्लॉट खरीदती है, तो उसे रजिस्ट्री शुल्क में ₹1 लाख तक की छूट मिलेगी।
  • यह छूट स्टांप ड्यूटी पर मिल रही है, जिससे कुल लागत कम हो जाती है।
  • इसका उद्देश्य महिलाओं को संपत्ति के मालिकाना हक में प्रोत्साहन देना है।

किसे और कैसे मिलेगा इस छूट का लाभ?

यह छूट किसी भी महिला खरीदार को मिल सकती है, लेकिन इसके लिए कुछ शर्तें भी हैं।

  • संपत्ति का रजिस्ट्रेशन महिला के नाम पर होना चाहिए।
  • अगर संपत्ति संयुक्त रूप से (joint ownership) है, तो भी महिला का नाम होना जरूरी है।
  • छूट का लाभ केवल पहली बार खरीदी जा रही संपत्ति पर मिलेगा (प्रायः)।
  • कुछ राज्य सरकारें अलग-अलग नियम लागू कर सकती हैं, जैसे उत्तर प्रदेश में अधिकतम ₹1 लाख तक की छूट है।

रियल लाइफ उदाहरण से समझिए फायदा

यह योजना कितनी मददगार है, इसे एक उदाहरण से समझते हैं:

उदाहरण:

नाम शहर प्रॉपर्टी कीमत रजिस्ट्रेशन शुल्क (बिना छूट) रजिस्ट्रेशन शुल्क (महिला छूट के साथ) कुल बचत
रेखा देवी लखनऊ ₹30 लाख ₹1.5 लाख ₹50,000 ₹1 लाख
सीमा चौधरी जयपुर ₹25 लाख ₹1.25 लाख ₹40,000 ₹85,000
पूजा गुप्ता मेरठ ₹20 लाख ₹1 लाख ₹20,000 ₹80,000

इससे साफ है कि एक सामान्य परिवार की महिला भी हजारों की बचत कर सकती है।

महिलाओं के नाम पर प्रॉपर्टी खरीदने के फायदे

रजिस्ट्री छूट के अलावा भी महिला नाम से संपत्ति खरीदने के कई लाभ हैं।

  • कई बैंक होम लोन पर महिला ग्राहकों को ब्याज दर में 0.05% से 0.1% तक की छूट देते हैं।
  • टैक्स में बचत: IT सेक्शन 80C और 24B के तहत टैक्स छूट का फायदा लिया जा सकता है।
  • महिला को आत्मनिर्भर बनाने में मदद।
  • सामाजिक और पारिवारिक स्तर पर महिला को सम्मान व निर्णय लेने की ताकत मिलती है।

इस योजना का सामाजिक प्रभाव

इस नीति का सिर्फ वित्तीय नहीं, बल्कि सामाजिक असर भी गहरा है।

  • महिलाओं की प्रॉपर्टी में हिस्सेदारी बढ़ेगी।
  • पुरुष प्रधान समाज में महिलाओं को अपनी पहचान मिलेगी।
  • बेटियों को पढ़ाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए परिवार प्रोत्साहित होंगे।

किन राज्यों में सबसे ज्यादा लाभ?

भारत के अलग-अलग राज्यों में महिला रजिस्ट्री पर छूट की राशि में थोड़ा अंतर होता है। नीचे एक तालिका से समझिए:

राज्य छूट की राशि (महिलाओं के लिए) रजिस्ट्री फीस पुरुषों के लिए रजिस्ट्री फीस महिलाओं के लिए
उत्तर प्रदेश ₹1 लाख तक 7% 6%
दिल्ली ₹1 लाख तक 6% 4%
मध्यप्रदेश ₹1 लाख तक 7.5% 5%
पंजाब ₹1 लाख तक 7% 5%
राजस्थान ₹75,000 तक 6% 4%

(नियम समय-समय पर बदल सकते हैं, स्थानीय तहसील कार्यालय से जानकारी ज़रूर लें)

क्या यह नियम सभी वर्गों के लिए है?

हां, इस योजना का लाभ समाज के हर वर्ग की महिलाओं को दिया जा रहा है – चाहे वह शहरी हों या ग्रामीण।

  • सरकारी कर्मचारी हों या घरेलू महिलाएं – सभी को समान लाभ।
  • गरीब और मध्यमवर्गीय महिलाएं जो अब तक घर खरीदने की सोच भी नहीं सकती थीं, वे अब इसे हकीकत बना सकती हैं।

मेरी निजी राय और अनुभव

मेरी खुद की बहन ने हाल ही में नोएडा में एक फ्लैट खरीदा। हमने पहले सोचा था कि पापा के नाम पर करवा दें, लेकिन जब हमें पता चला कि महिला के नाम पर ₹1 लाख की छूट मिल सकती है, तो हमने बहन के नाम पर ही रजिस्ट्री करवाई। इससे न सिर्फ पैसे की बचत हुई, बल्कि एक तरह से परिवार में एक मजबूत संदेश भी गया कि बेटियां भी संपत्ति की मालिक बन सकती हैं।

किन कागज़ों की ज़रूरत होगी?

जब महिला के नाम से रजिस्ट्री करवाई जाती है, तो कुछ ज़रूरी दस्तावेज़ जमा करने होते हैं:

  • पहचान पत्र (Aadhaar/PAN)
  • फोटो
  • संपत्ति से जुड़े दस्तावेज़
  • सेल डीड ड्राफ्ट
  • स्टांप पेपर
  • बैंक पेमेंट रसीद (यदि लोन लिया है)

इन दस्तावेज़ों की पुष्टि लोकल रजिस्ट्री ऑफिस करता है।

इस योजना से ना सिर्फ आर्थिक रूप से राहत मिलेगी, बल्कि महिलाओं को समाज में नई पहचान और सम्मान भी मिलेगा। यह कदम ना सिर्फ आज के लिए, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा है कि महिलाएं केवल गृहिणी नहीं, बल्कि संपत्ति की स्वामिनी भी बन सकती हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

1. क्या यह छूट सिर्फ शादीशुदा महिलाओं को मिलती है?
नहीं, अविवाहित, विधवा या तलाकशुदा – सभी महिलाएं इस योजना का लाभ ले सकती हैं।

2. क्या यह लाभ पुरानी प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री पर भी मिलेगा?
नहीं, यह लाभ सिर्फ नई रजिस्ट्री या पहली बार खरीदी गई संपत्ति पर मिलता है।

3. क्या यह योजना पूरे भारत में लागू है?
हाँ, लेकिन छूट की राशि और नियम राज्य सरकार पर निर्भर करते हैं।

4. क्या संयुक्त रजिस्ट्री (Joint Ownership) में भी छूट मिलेगी?
अगर महिला का नाम संयुक्त स्वामी के रूप में है, तब भी यह छूट मिल सकती है।

5. क्या यह नियम भविष्य में बदल सकता है?
हाँ, सरकार समय-समय पर नियमों में बदलाव कर सकती है, इसलिए रजिस्ट्री से पहले ताजा जानकारी ज़रूर लें।

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