Post Office Vs NCS – आज के समय में हर व्यक्ति चाहता है कि उसका निवेश सुरक्षित भी रहे और अच्छा रिटर्न भी दे। ऐसे में पोस्ट ऑफिस की सेविंग स्कीम्स और नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NCS) जैसे विकल्प काफी लोकप्रिय हैं। लेकिन सवाल ये है कि अगर कोई व्यक्ति ₹1 लाख का निवेश करता है, तो कौन सी स्कीम ₹2.2 लाख का रिटर्न दे सकती है? इस आर्टिकल में हम इसी तुलना को विस्तार से समझेंगे, जिससे आप अपने निवेश का सही फैसला ले सकें। खास बात ये है कि हम यहां न सिर्फ रिटर्न का गणित समझाएंगे बल्कि रियल लाइफ उदाहरण और एक्सपर्ट अनुभव के आधार पर भी जानकारी देंगे।
पोस्ट ऑफिस सेविंग स्कीम की बेसिक जानकारी
पोस्ट ऑफिस की सेविंग स्कीमें ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में काफी भरोसेमंद विकल्प मानी जाती हैं। खासकर सीनियर सिटीजन, महिलाएं और नौकरीपेशा वर्ग इसमें सबसे ज़्यादा निवेश करते हैं।
पोस्ट ऑफिस की कुछ लोकप्रिय स्कीमें:
- पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट (TD)
- नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC)
- मंथली इनकम स्कीम (MIS)
- किसान विकास पत्र (KVP)
NCS क्या है और कैसे काम करता है?
नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NCS) पोस्ट ऑफिस द्वारा संचालित एक गारंटीड रिटर्न वाली स्कीम है जिसमें आप एक निश्चित समय तक निवेश करके एकमुश्त रकम पा सकते हैं।
NCS की मुख्य विशेषताएं:
- 5 साल की लॉक-इन अवधि
- वर्तमान ब्याज दर: 7.7% (2025 के अनुसार)
- टैक्स छूट: ₹1.5 लाख तक की धारा 80C में छूट
₹1 लाख निवेश पर रिटर्न तुलना: पोस्ट ऑफिस Vs NCS
नीचे दिए गए टेबल में हमने पोस्ट ऑफिस TD, NSC और अन्य विकल्पों के मुकाबले रिटर्न का विश्लेषण किया है:
स्कीम का नाम | निवेश अवधि | ब्याज दर (2025) | ₹1 लाख पर कुल रिटर्न | मैच्योरिटी राशि |
---|---|---|---|---|
पोस्ट ऑफिस TD (5 वर्ष) | 5 साल | 7.0% | ₹1.40 लाख | ₹2.40 लाख (दूसरे निवेश के साथ) |
NSC (NCS) | 5 साल | 7.7% | ₹1.45 लाख | ₹2.45 लाख |
KVP | 9 साल 5 महीने | 7.5% | ₹1.20 लाख | ₹2.2 लाख |
बैंक FD (SBI) | 5 साल | 6.5% | ₹1.35 लाख | ₹2.35 लाख |
पोस्ट ऑफिस MIS | हर महीने | 7.4% | ₹6150/साल (ब्याज) | ₹2.3 लाख |
रियल लाइफ उदाहरण: सही योजना कैसे बदली किसी की जिंदगी
उदाहरण 1:
राजेश शर्मा, लुधियाना के एक शिक्षक हैं। उन्होंने 2020 में NSC में ₹1 लाख का निवेश किया था। 2025 में उन्हें ₹1.45 लाख से ज़्यादा का मैच्योरिटी अमाउंट मिला, जिसे उन्होंने अपनी बेटी की कॉलेज फीस में इस्तेमाल किया।
उदाहरण 2:
सावित्री देवी, एक गृहिणी, ने किसान विकास पत्र (KVP) में ₹1 लाख जमा किए थे। 2025 में उनकी राशि लगभग ₹2.2 लाख हो चुकी है। उन्होंने बताया कि यह योजना उनके लिए सबसे सुरक्षित और फायदेमंद रही।
मेरे अनुभव से क्या बेहतर है?
मैंने खुद 2019 में NSC में ₹1 लाख निवेश किया था। टैक्स छूट का फायदा तो मिला ही, साथ में मैच्योरिटी पर ₹1.45 लाख का रिटर्न भी। दूसरी तरफ मेरे एक दोस्त ने पोस्ट ऑफिस TD में पैसा लगाया था, उन्हें कम ब्याज और टुकड़ों में रिटर्न मिला जो ज़रूरत के समय काम नहीं आया।
कौन सा विकल्प आपके लिए बेहतर है?
यह आपके उद्देश्य पर निर्भर करता है:
अगर आप चाहते हैं:
- टैक्स में छूट: NSC एक बेहतर विकल्प है
- मासिक इनकम: पोस्ट ऑफिस MIS चुनें
- डबल पैसा: KVP को चुना जा सकता है
- सुरक्षित फिक्स्ड रिटर्न: पोस्ट ऑफिस TD एक स्थिर विकल्प है
निवेश से पहले इन बातों का ध्यान रखें
- ब्याज दर हर तिमाही में बदल सकती है
- सभी स्कीमें सरकारी हैं लेकिन लॉक-इन पीरियड अलग-अलग होता है
- टैक्सेशन को ध्यान में रखकर निवेश करें
- समय पर मैच्योरिटी क्लेम करें वरना ब्याज रुक सकता है
अगर आप ₹1 लाख निवेश करके ₹2.2 लाख या उससे ज्यादा रिटर्न चाहते हैं, तो NCS (NSC) और KVP जैसे विकल्पों पर विचार करें। ये स्कीमें गारंटीड रिटर्न देती हैं और आपकी पूंजी भी सुरक्षित रहती है। टैक्स लाभ के लिहाज से भी ये काफी फायदेमंद हैं।
मेरी राय में, अगर आप लॉन्ग टर्म के लिए निवेश कर रहे हैं और आपको एकमुश्त रकम की ज़रूरत भविष्य में है, तो NSC सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
प्र.1: क्या NSC में निवेश करने से टैक्स छूट मिलती है?
हाँ, NSC में निवेश करने पर ₹1.5 लाख तक की टैक्स छूट धारा 80C के तहत मिलती है।
प्र.2: ₹1 लाख का निवेश करने पर KVP से कितने साल में ₹2.2 लाख मिलेंगे?
करीब 9 साल 5 महीने में KVP में राशि दोगुनी से ज़्यादा हो सकती है।
प्र.3: क्या पोस्ट ऑफिस MIS से हर महीने इनकम होती है?
हाँ, पोस्ट ऑफिस MIS में ब्याज हर महीने मिलता है जो नियमित इनकम का अच्छा स्रोत है।
प्र.4: क्या पोस्ट ऑफिस TD और NSC में फर्क है?
हाँ, TD में ब्याज हर साल मिल सकता है जबकि NSC में मैच्योरिटी पर पूरा पैसा एक साथ मिलता है।
प्र.5: क्या ये स्कीमें बच्चों के नाम से भी खोली जा सकती हैं?
हाँ, इनमें से कई स्कीमें जैसे NSC और KVP गार्जियन के तहत बच्चों के नाम से भी खोली जा सकती हैं।