Kanwar Yatra 2025: देहरादून से दिल्ली जाने वाली बसों का रूट बदला, करनाल मार्ग पर बढ़ेगी 59 KM दूरी!

Kanwar Yatra 2025 – कांवड़ यात्रा 2025 को लेकर इस बार बड़े पैमाने पर प्रशासनिक बदलाव देखने को मिल रहे हैं। देहरादून से दिल्ली जाने वाले यात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण सूचना सामने आई है – उत्तराखंड से दिल्ली तक चलने वाली बसों का रूट बदल दिया गया है। अब ये बसें सीधे रूट से न जाकर करनाल होकर जाएंगी, जिससे कुल दूरी करीब 59 किलोमीटर बढ़ जाएगी। यह फैसला सुरक्षा, ट्रैफिक कंट्रोल और कांवड़ यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। हर साल लाखों कांवड़िये हरिद्वार से जल लेकर अपने शहरों तक जाते हैं, जिससे नेशनल हाईवे पर भारी भीड़ और ट्रैफिक जाम की स्थिति बन जाती है। ऐसे में आम यात्रियों और स्थानीय लोगों की सुविधा के लिए रूट डायवर्जन एक अहम कदम है।

कांवड़ यात्रा के दौरान रूट बदलाव की जरूरत क्यों पड़ी?

हर साल सावन के महीने में लाखों श्रद्धालु उत्तराखंड के हरिद्वार से गंगा जल लेकर अपने गंतव्य की ओर निकलते हैं। इस दौरान NH-58 और NH-334 जैसे प्रमुख मार्गों पर हजारों की संख्या में कांवड़िये पैदल चलते हैं। इससे आम जनता और ट्रांसपोर्ट सेवाओं को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

  • हाईवे पर पैदल चलने वाले कांवड़ियों की सुरक्षा सबसे बड़ा कारण
  • स्थानीय ट्रैफिक और इमरजेंसी सेवाओं को सुचारू रूप से चलाना
  • दुर्घटनाओं से बचाव और भीड़ प्रबंधन को आसान बनाना
  • श्रद्धालुओं को श्रद्धा पूर्वक यात्रा का अनुभव देने हेतु प्रशासनिक सहयोग

कौन-कौन से रूट हुए डायवर्ट?

उत्तराखंड रोडवेज और ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने देहरादून से दिल्ली की ओर जाने वाले बसों के रूट में बड़ा बदलाव किया है। अब ये बसें सहारनपुर और मुजफ्फरनगर के रास्ते न जाकर करनाल होकर जाएंगी।

पुराना रूट:
देहरादून → रूड़की → मुजफ्फरनगर → मेरठ → गाजियाबाद → दिल्ली

नया रूट (2025):
देहरादून → पौंटा साहिब → यमुनानगर → करनाल → सोनीपत → दिल्ली

नतीजा:

  • कुल दूरी में 59 KM की बढ़ोतरी
  • औसतन यात्रा में 1.5 से 2 घंटे का अतिरिक्त समय

यात्रियों की ज़िंदगी पर असर: समय, किराया और सहूलियत

रूट में बदलाव से आम जनता पर क्या असर होगा? इस सवाल के जवाब में कुछ पॉइंट्स:

  • यात्रा का समय बढ़ेगा: अब देहरादून से दिल्ली पहुंचने में पहले जहां लगभग 6 घंटे लगते थे, अब ये समय बढ़कर 8 घंटे तक पहुंच सकता है।
  • किराए में संभावित बढ़ोतरी: दूरी बढ़ने से रोडवेज द्वारा किराए में 10-15% तक बढ़ोतरी की संभावना।
  • ड्राइवर और कंडक्टर की चुनौतियाँ: नए रूट पर अनुभव न होने की वजह से शुरुआत में उन्हें दिक्कतें हो सकती हैं।
  • यात्रियों की प्रतिक्रिया: कुछ यात्रियों ने नाराज़गी जताई है, तो कई लोगों ने सुरक्षा और सुविधा के लिहाज से फैसले की तारीफ भी की है।

एक रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी का अनुभव

देहरादून के रहने वाले 64 वर्षीय रमेश चंद्र, जो अक्सर अपने बच्चों से मिलने दिल्ली जाते हैं, बताते हैं –
“मैं हर महीने एक बार दिल्ली जाता हूँ, लेकिन अब ये नया रूट करनाल होकर जाना पड़ेगा जिससे मेरी यात्रा का समय काफी बढ़ गया है। पहले मैं सुबह की बस लेकर दोपहर तक पहुंच जाता था, लेकिन अब देर शाम पहुंच पाता हूँ। हां, भीड़-भाड़ कम हो गई है, ये एक पॉजिटिव बदलाव है।”

बस ड्राइवरों की राय: नया रूट कितना सुरक्षित?

उत्तराखंड परिवहन निगम के एक वरिष्ठ बस ड्राइवर सुरेश सिंह का कहना है –
“करनाल के रास्ते ट्रैफिक थोड़ा हल्का रहता है, और सड़कें भी ठीक-ठाक हैं। शुरुआत में नया रूट सीखने में थोड़ा समय लगा, लेकिन अब यात्रा काफी स्मूद हो गई है।”

रूट बदलाव से जुड़े प्रशासनिक फैसले और तैयारी

  • उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की पुलिस फोर्स के बीच समन्वय स्थापित किया गया है ताकि दोनों राज्यों की सीमाओं पर ट्रैफिक कंट्रोल किया जा सके।
  • हरियाणा प्रशासन से भी संपर्क कर रूट मैपिंग को अपडेट किया गया है।
  • कांवड़ यात्रा के दौरान GPS मॉनिटरिंग, एम्बुलेंस, और वाटर टैंकर जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
  • बस डिपो और स्टेशनों पर यात्रियों को नए रूट की जानकारी देने के लिए सूचना बोर्ड लगाए गए हैं।

यात्रियों के लिए सुझाव और सावधानियां

अगर आप जुलाई या अगस्त 2025 में देहरादून से दिल्ली या दिल्ली से देहरादून यात्रा कर रहे हैं, तो ध्यान रखें:

  • सफर के लिए अतिरिक्त समय रखें
  • सीट बुकिंग पहले से करवा लें
  • जरूरी दवाइयां और खाने का सामान साथ रखें
  • जानकारी के लिए नजदीकी बस अड्डे या उत्तराखंड परिवहन निगम की वेबसाइट देखें

रूट बदलाव का भविष्य में क्या असर हो सकता है?

  • अगर ये मॉडल सफल रहा तो हर साल सावन के महीने में स्थाई रूट डायवर्जन संभव है।
  • यात्रियों की संख्या के हिसाब से वैकल्पिक मार्गों की संख्या बढ़ाई जा सकती है।
  • GPS और डिजिटल स्क्रीन से यात्रियों को लाइव अपडेट देना शुरू किया जा सकता है।

कांवड़ यात्रा आस्था का पर्व है लेकिन साथ ही यह प्रशासन के लिए एक बड़ा लॉजिस्टिक चैलेंज भी होता है। देहरादून से दिल्ली के बीच रूट में बदलाव एक जरूरी कदम है जो यात्रियों की सुरक्षा और कांवड़ियों की सुविधा दोनों को ध्यान में रखकर लिया गया है। अगर आप इस अवधि में यात्रा करने की योजना बना रहे हैं तो रूट, समय और सुविधा की सही जानकारी लेकर ही सफर करें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

प्रश्न 1: क्या देहरादून से दिल्ली जाने वाली सभी बसों का रूट बदला गया है?
हाँ, कांवड़ यात्रा 2025 के दौरान सभी नियमित बसों को करनाल रूट से चलाया जा रहा है।

प्रश्न 2: रूट बदलने से कितना ज्यादा समय लगेगा?
करीब 1.5 से 2 घंटे अतिरिक्त समय लग सकता है।

प्रश्न 3: क्या नए रूट पर किराया भी बढ़ेगा?
अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन दूरी बढ़ने के कारण किराया थोड़ी बहुत बढ़ सकता है।

प्रश्न 4: क्या बसें पूरी यात्रा के दौरान सुरक्षित रहेंगी?
जी हां, सभी बसों की निगरानी की जा रही है और पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था भी की गई है।

प्रश्न 5: मुझे नए रूट की पूरी जानकारी कहां से मिलेगी?
आप उत्तराखंड परिवहन निगम की वेबसाइट या स्थानीय बस अड्डे से पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

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