Indian Railway New Rule – 1 अगस्त 2025 से रेलवे में लोअर बर्थ से जुड़ा एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है, जिससे लाखों यात्रियों की यात्रा योजना पर असर पड़ सकता है। अब तक जो यात्री अपनी सुविधा के लिए लोअर बर्थ की मांग करते थे, उन्हें नई व्यवस्था में पहले जैसी छूट नहीं मिलेगी। रेलवे ने यह कदम वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगों और जरूरतमंद यात्रियों को प्राथमिकता देने के उद्देश्य से उठाया है। इस लेख में हम आपको विस्तार से बताएंगे कि नया नियम क्या है, किन लोगों को अब लोअर बर्थ मिलेगी और आम यात्री किस तरह से प्रभावित होंगे।
रेलवे के नए नियम का मकसद क्या है?
भारतीय रेलवे के अनुसार, लोअर बर्थ की मांग लगातार बढ़ती जा रही थी, लेकिन उनकी संख्या सीमित है। ऐसे में कई बार वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगों और अकेले सफर कर रहीं महिलाओं को भी लोअर बर्थ नहीं मिल पाती थी। रेलवे का नया नियम इसी असंतुलन को दूर करने के लिए बनाया गया है।
नया नियम क्या कहता है?
रेलवे ने यह स्पष्ट किया है कि अब लोअर बर्थ केवल उन्हीं यात्रियों को दी जाएगी जो तय मानदंडों में आते हैं। बाकी यात्रियों को उपलब्धता के अनुसार मिडिल या अपर बर्थ दी जाएगी।
किन यात्रियों को मिलेगा लोअर बर्थ?
रेलवे ने कुछ विशेष श्रेणियों को लोअर बर्थ के लिए अग्रिम प्राथमिकता दी है:
- 60 वर्ष या उससे अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिक (महिला और पुरुष दोनों)
- गर्भवती महिलाएं
- दिव्यांग व्यक्ति (जिसके पास प्रमाण पत्र हो)
- 45 वर्ष या उससे अधिक उम्र की अकेली महिला यात्री
- बच्चों के साथ यात्रा कर रहीं महिलाएं (बच्चों की उम्र 5 साल से कम होनी चाहिए)
इन यात्रियों को टिकट बुक करते समय यदि लोअर बर्थ उपलब्ध होगी तो उन्हें स्वतः आवंटित कर दी जाएगी।
किसे नहीं मिलेगी अब लोअर बर्थ?
नए नियम के तहत यदि आप इन विशेष श्रेणियों में नहीं आते हैं, तो आपको लोअर बर्थ मिलने की गारंटी नहीं होगी, भले ही आपने टिकट बुक करते समय ‘Lower Berth Preference’ चुना हो।
उदाहरण के तौर पर:
- यदि आप 35 साल के पुरुष हैं और अकेले यात्रा कर रहे हैं, तो आपको लोअर बर्थ तभी मिलेगी जब बची हुई हो।
- अगर आप पति-पत्नी हैं और दोनों की उम्र 40 से कम है, तो आप दोनों को अपर या मिडिल बर्थ मिल सकती है।
एक परिवार का अनुभव: सच्ची कहानी
दिल्ली के रहने वाले 67 वर्षीय रामप्रसाद गुप्ता पिछले महीने अपने गांव जाने के लिए टिकट बुक करवा रहे थे। उन्हें बार-बार लोअर बर्थ नहीं मिल रही थी, जबकि उनकी उम्र ज्यादा है। जब रेलवे का नया नियम आया, तो उन्होंने 1 अगस्त के बाद की यात्रा के लिए बुकिंग कराई और पहली बार लोअर बर्थ तुरंत मिल गई। उनका कहना है, “पहले तो एज का कोई फायदा नहीं मिलता था, अब सिस्टम ने खुद बर्थ दे दी, ये अच्छा कदम है।”
लोअर बर्थ बुकिंग सिस्टम में कैसे होगा बदलाव?
रेलवे के बुकिंग सिस्टम में अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित एल्गोरिदम लगाया गया है, जो यह सुनिश्चित करेगा कि सबसे पहले योग्य यात्रियों को ही लोअर बर्थ दी जाए। यह व्यवस्था IRCTC की वेबसाइट और रेलवे काउंटर दोनों पर लागू होगी।
सिस्टम कैसे काम करेगा?
श्रेणी | लोअर बर्थ प्राथमिकता | प्रमाण जरूरी |
---|---|---|
60 वर्ष+ वरिष्ठ नागरिक | हाँ | नहीं |
दिव्यांग व्यक्ति | हाँ | हाँ |
गर्भवती महिला | हाँ | हाँ |
अकेली महिला (45+) | हाँ | नहीं |
सामान्य यात्री | नहीं | नहीं |
नई व्यवस्था से यात्रियों को कैसे फायदा?
- वरिष्ठ नागरिकों को बेहतर सुविधा मिलेगी
- दिव्यांग यात्रियों को कठिनाई नहीं होगी
- गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित यात्रा मिलेगी
- असमान वितरण पर रोक लगेगी
- ऑनलाइन और ऑफलाइन बुकिंग दोनों में पारदर्शिता बढ़ेगी
आम यात्रियों के लिए सुझाव
अगर आप विशेष श्रेणी में नहीं आते हैं और फिर भी लोअर बर्थ चाहते हैं, तो कुछ उपाय आपकी मदद कर सकते हैं:
- जल्दी टिकट बुक करें (कंफर्मेशन की संभावना बढ़ती है)
- दो यात्रियों के साथ ग्रुप बुकिंग करें (सिस्टम जोड़ कर अलॉट करता है)
- TTE से ऑनबोर्ड रिक्वेस्ट करें (अगर लोअर बर्थ खाली हो)
क्या RAC और WL यात्रियों पर होगा असर?
हाँ, RAC यात्रियों को आमतौर पर लोअर बर्थ दी जाती है क्योंकि एक ही बर्थ दो यात्रियों के बीच साझा होती है। लेकिन नए नियम के तहत, यदि कोई वरिष्ठ नागरिक RAC में है, तो उसे पहले प्राथमिकता दी जाएगी।
मेरी निजी राय और अनुभव
मैंने हाल ही में अपनी माता के लिए रेलवे टिकट बुक किया था। उनकी उम्र 65 वर्ष है और उन्हें अक्सर घुटनों की दिक्कत होती है। पहले 3 बार टिकट बुक करने के बावजूद उन्हें अपर बर्थ मिलती थी और TTE से रिक्वेस्ट करनी पड़ती थी। लेकिन इस बार जब मैंने 2 अगस्त की ट्रेन में टिकट बुक की, तो उन्हें सीधा लोअर बर्थ अलॉट हो गई। इससे समझ आता है कि रेलवे का सिस्टम सच में अपडेट हुआ है और यह बदलाव जमीन पर असर दिखा रहा है।
रेलवे का नया नियम यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखकर बनाया गया है। यह बदलाव केवल एक बर्थ के इर्द-गिर्द नहीं है, बल्कि एक पूरे सिस्टम को ज्यादा मानवीय और उपयोगी बनाने का प्रयास है। अब जरूरी है कि यात्री भी इस नियम को समझें और बुकिंग करते समय अपनी श्रेणी का सही चयन करें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
1. नया नियम कब से लागू होगा?
नया नियम 1 अगस्त 2025 से पूरे भारत में लागू हो जाएगा।
2. क्या मैं लोअर बर्थ की मांग कर सकता हूँ अगर मैं सीनियर सिटीजन नहीं हूँ?
हाँ, मांग कर सकते हैं लेकिन यह जरूरी नहीं कि आपको लोअर बर्थ ही मिले।
3. क्या ऑनलाइन टिकट बुकिंग में यह नियम लागू होगा?
हाँ, यह नियम IRCTC की वेबसाइट और मोबाइल ऐप दोनों पर लागू होगा।
4. क्या गर्भवती महिला को प्रमाण देना होगा?
हाँ, मेडिकल प्रूफ दिखाना होगा तभी उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी।
5. RAC टिकट वालों को लोअर बर्थ मिलेगी या नहीं?
यदि कोई वरिष्ठ नागरिक RAC में है, तो उसे पहले लोअर बर्थ दी जाएगी। बाकी बची बर्थ ही अन्य RAC यात्रियों को मिलेगी।