अब सिर्फ 10 साल नौकरी और पाएं ज़िंदगीभर की पेंशन – सरकार ने किया EPFO में बड़ा बदलाव, 2025 से शुरू होगा नया सिस्टम!

EPFO Update – देश में लाखों नौकरीपेशा लोगों के लिए यह एक बेहद राहत भरी खबर है। सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) से जुड़ा एक ऐतिहासिक फैसला लिया है, जो 2025 से पूरे देश में लागू होने जा रहा है। इस नए नियम के अनुसार अब सिर्फ 10 साल की नौकरी करने के बाद भी व्यक्ति को ज़िंदगीभर की पेंशन मिलेगी। पहले जहां कम से कम 15 साल तक EPFO में योगदान अनिवार्य होता था, वहीं अब यह सीमा घटाकर 10 साल कर दी गई है। सरकार के इस कदम का उद्देश्य उन लाखों कर्मचारियों को सुरक्षा देना है जो छोटी अवधि के लिए काम करते हैं या बीच में नौकरी छोड़ देते हैं। इस नई व्यवस्था से असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को भी पेंशन का लाभ मिलने का रास्ता साफ हो गया है।

EPFO पेंशन के नए नियम क्या हैं?

2025 से लागू होने वाले इस नए सिस्टम में सरकार ने कुछ अहम बदलाव किए हैं:

  • अब केवल 10 वर्षों तक EPFO में योगदान करने के बाद कर्मचारी पेंशन के पात्र होंगे।
  • पहले यह न्यूनतम अवधि 15 वर्ष थी।
  • नए नियम उन कर्मचारियों पर भी लागू होंगे जो 2025 के बाद रिटायर होंगे।
  • पेंशन की गणना में EPFO का बेसिक वेतन और सेवा अवधि को पहले की तरह ही ध्यान में रखा जाएगा।

यह बदलाव क्यों किया गया?

सरकार ने यह निर्णय कई वजहों से लिया है, जिनमें सबसे बड़ी वजह लोगों को सामाजिक सुरक्षा देना है। बहुत से लोग विभिन्न कारणों से लंबे समय तक एक ही नौकरी में नहीं टिक पाते, खासकर निजी कंपनियों में या असंगठित क्षेत्रों में:

  • कई लोग 10-12 साल नौकरी करके फिर स्वरोजगार में लग जाते हैं।
  • असंगठित क्षेत्र में काम करने वालों की नौकरी स्थिर नहीं होती।
  • महिलाओं के करियर में अक्सर विवाह या मातृत्व के कारण रुकावट आती है।
  • बड़ी संख्या में लोग नौकरी बदलते रहते हैं और पेंशन के लिए 15 साल पूरा नहीं कर पाते।

नए सिस्टम के फायदे – एक नज़र में

यह बदलाव आम लोगों के लिए कितने फायदेमंद हैं, इसे एक टेबल के ज़रिए समझिए:

लाभ पहले का सिस्टम नया सिस्टम (2025 से)
न्यूनतम सेवा अवधि 15 साल 10 साल
पात्रता सीमित लोग अधिक कर्मचारी
पेंशन मिलना कठिन आसान
असंगठित क्षेत्र का लाभ नहीं हां
महिला कर्मचारियों को लाभ कम ज्यादा

उदाहरण से समझिए – रियल लाइफ स्टोरी

ममता शर्मा, दिल्ली की रहने वाली हैं और उन्होंने एक निजी स्कूल में 11 साल तक टीचर की नौकरी की थी। पारिवारिक कारणों से उन्हें नौकरी छोड़नी पड़ी और वे अब घर से ही ट्यूशन चलाती हैं। पुरानी व्यवस्था में उन्हें पेंशन नहीं मिलनी थी क्योंकि उन्होंने 15 साल पूरे नहीं किए थे। लेकिन अब 2025 से लागू होने वाले नए नियम के अनुसार उन्हें हर महीने EPFO से पेंशन मिलेगी।

इसी तरह राजेश कुमार, जो एक छोटी प्राइवेट कंपनी में 12 साल तक अकाउंटेंट रहे और फिर गांव लौट गए, अब उन्हें भी इस स्कीम के तहत ज़िंदगीभर पेंशन मिल सकेगी।

किन्हें मिलेगा सबसे ज़्यादा फायदा?

  • अस्थायी/कॉन्ट्रैक्ट बेस पर काम करने वाले कर्मचारी
  • महिलाएं जो शादी या बच्चे के कारण करियर छोड़ देती हैं
  • स्वरोजगार अपनाने वाले युवा
  • प्राइवेट कंपनी में कम समय तक काम करने वाले लोग
  • ग्रामीण क्षेत्र से जुड़े लोग जिन्हें नियमित नौकरी नहीं मिलती

पेंशन की राशि कैसे तय होगी?

EPFO के नियमों के अनुसार, पेंशन की गणना दो मुख्य बातों पर निर्भर करती है:

  • बेसिक सैलरी और डीए का औसत (Last 60 months)
  • सेवा अवधि (न्यूनतम 10 साल से अधिक)

उदाहरण के लिए:

बेसिक+DA का औसत नौकरी की अवधि अनुमानित मासिक पेंशन
₹15,000 10 साल ₹2,000 से ₹2,500
₹18,000 12 साल ₹2,500 से ₹3,000
₹20,000 14 साल ₹3,000 से ₹3,500
₹25,000 15 साल ₹4,000 से ₹5,000

ध्यान दें कि यह केवल अनुमानित गणना है। वास्तविक राशि EPFO की पेंशन स्कीम के अनुसार निर्धारित होगी।

क्या आपको कोई कार्रवाई करनी होगी?

अगर आपने 10 साल की नौकरी पूरी कर ली है और EPFO में नियमित योगदान किया है तो:

  • 2025 में रिटायर होते समय फॉर्म-10D भरना होगा।
  • अपने KYC डॉक्युमेंट्स अपडेट रखें।
  • UAN पोर्टल पर लॉगिन करके अपना ई-नॉमिनेशन पूरा करें।
  • नौकरी छोड़ने के बाद EPFO को सूचित करें कि आप पेंशन क्लेम करना चाहते हैं।

मेरे अनुभव से – क्यों यह बदलाव जरूरी था?

मैं खुद पिछले 15 सालों से प्राइवेट सेक्टर में काम कर रहा हूं। मैंने बहुत से ऐसे साथियों को देखा है जिन्होंने 8-10 साल काम किया, फिर किसी और क्षेत्र में चले गए। लेकिन उन्हें पेंशन का कोई हक नहीं मिला। इससे वे लोग निराश होते थे और EPFO में योगदान बेकार चला जाता था। सरकार का यह कदम न सिर्फ सही दिशा में है बल्कि इससे लोगों का भविष्य सुरक्षित होगा। यह बदलाव भरोसा देता है कि अब हर योगदान का मोल मिलेगा – चाहे नौकरी 10 साल की हो या 20 साल की।

सरकार के इस नए EPFO नियम से लाखों लोगों को फायदा होगा। लेकिन जरूरी है कि आप अपनी ओर से सभी जरूरी डॉक्युमेंट्स तैयार रखें और अपने UAN पोर्टल पर जानकारी अपडेट रखें।

यह बदलाव उन लोगों के लिए वरदान है जो अब तक पेंशन के दायरे में नहीं आ पाते थे। ज़िंदगीभर की आर्थिक सुरक्षा अब एक हकीकत बन सकती है – सिर्फ 10 साल की नौकरी के बाद भी।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

प्र1: क्या यह नया नियम सभी कर्मचारियों पर लागू होगा?
हाँ, जो कर्मचारी 2025 या उसके बाद रिटायर होंगे, उन पर यह नया नियम लागू होगा।

प्र2: जिन लोगों ने पहले ही 10 साल पूरे कर लिए हैं, क्या उन्हें भी फायदा मिलेगा?
अगर वे 2025 में रिटायर हो रहे हैं या उसके बाद तो हां, उन्हें भी इस नियम का लाभ मिलेगा।

प्र3: क्या सरकारी कर्मचारियों पर भी यह नियम लागू होगा?
यह नियम EPFO से जुड़े निजी क्षेत्र के कर्मचारियों पर लागू होता है, न कि सेंट्रल गवर्नमेंट के नियमित कर्मचारियों पर।

प्र4: क्या कम सैलरी वालों को भी पेंशन मिलेगी?
हाँ, यदि उनके EPFO में 10 साल का योगदान है तो उन्हें भी न्यूनतम पेंशन का लाभ मिलेगा।

प्र5: अगर किसी ने बीच में नौकरी बदली है तो क्या वह पात्र होगा?
हाँ, बशर्ते कि उसकी कुल सेवा अवधि 10 साल हो और उसका UAN नंबर एक ही हो।

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