Bank FD Scheme – पहले लोग बैंक में एफडी सिर्फ “सुरक्षा” के लिए खोलते थे, लेकिन अब हालात बदल गए हैं। रिज़र्व बैंक की नीतियों ने ब्याज दरें कुछ कम ज़रूर की हैं, फिर भी लंबी अवधि—खासकर 5 साल—की एफडी आज भी महँगाई को पछाड़ कर बेहतर रिटर्न दे रही है। दिलचस्प बात यह है कि सीनियर सिटीजन को वही स्कीम 0.50%–0.75% तक ज़्यादा ब्याज देती है, जिससे उनकी मासिक आय में अच्छी बढ़ोतरी हो जाती है। अगर आप सुरक्षित, आसान और टैक्स‑सुविधा वाले निवेश की तलाश में हैं, तो यह लेख आपके लिए पूरा “फायदे का सौदा” साबित होगा। आइए विस्तार से समझते हैं कि 5 साल की एफडी इस वक़्त क्यों चर्चा में है और आप इससे अधिकतम लाभ कैसे उठा सकते हैं।
बैंक एफडी क्या है और 5 साल वाली योजना क्यों लोकप्रिय है?
- निश्चित ब्याज: शेयर या म्यूचुअल फ़ंड के उतार‑चढ़ाव से फरक, एफडी में रिटर्न पहले दिन से तय रहता है।
- गढ़ी हुई सुरक्षा: अधिकतर बैंकों पर डीआईसीजीसी का 5 लाख ₹ तक बीमा मिलता है।
- लंबी अवधि = कंपाउंडिंग: 5 साल में त्रैमासिक कंपाउंडिंग की बदौलत आपकी रकम तेज़ी से बढ़ती है।
- टैक्स‑सेवर विकल्प: कुछ बैंकों में 5 साल की टैक्स सेविंग एफडी भी मिलती है, जिस पर धारा 80C के तहत 1.50 लाख ₹ तक की कटौती मिल सकती है।
- वरिष्ठ नागरिक बोनस: ज़्यादा ब्याज दर यानी ज़्यादा मैच्योरिटी रकम—पेंशन प्लान में बड़ी राहत।
वर्तमान (जुलाई 2025) में 5 साल की प्रमुख ब्याज दरें
नीचे 8 बड़े बैंकों का तुलनात्मक आँकड़ा दिया गया है। मान लीजिए आपने 1 लाख ₹ जमा किया और ब्याज त्रैमासिक कंपाउंड हो रहा है, तो मैच्योरिटी पर लगभग इतनी रकम मिलेगी:
बैंक | सामान्य दर | वरिष्ठ दर | ₹1 लाख मैच्योरिटी (सामान्य) | ₹1 लाख मैच्योरिटी (वरिष्ठ) |
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SBI | 6.10 % | 6.90 % | ₹1,35,351 | ₹1,40,784 |
HDFC Bank | 7.00 % | 7.50 % | ₹1,41,478 | ₹1,44,995 |
ICICI Bank | 6.60 % | 7.10 % | ₹1,38,723 | ₹1,42,175 |
Axis Bank | 6.75 % | 7.35 % | ₹1,39,750 | ₹1,43,931 |
PNB | 6.30 % | 6.80 % | ₹1,36,690 | ₹1,40,094 |
Canara Bank | 6.40 % | 6.90 % | ₹1,37,364 | ₹1,40,784 |
IDFC First Bank | 7.00 % | 7.50 % | ₹1,41,478 | ₹1,44,995 |
Kotak Mahindra Bank | 6.80 % | 7.30 % | ₹1,40,094 | ₹1,43,578 |
ध्यान दें: दरें समय‑समय पर बदलती रहती हैं। निवेश से पहले बैंक वेबसाइट पर “लेटेस्ट रेट चार्ट” ज़रूर देखें।
सीनियर सिटीजन के लिए क्या अलग है?
- अतिरिक्त 0.50%–0.75% ब्याज: ज़्यादातर बैंकों में यह बढ़ोतरी मिलती है; कुछ (जैसे SBI WeCare) विशेष स्कीम में 1.00% तक।
- मासिक/त्रैमासिक ब्याज विकल्प: नियमित इनकम की ज़रूरत हो तो ब्याज “मंथली पे‑आउट” में बदल सकते हैं।
- टैक्स में भी राहत: 60+ निवेशक 50,000 ₹ तक का ब्याज TDS‑मुक्त (धारा 80TTB) रख सकते हैं।
- सुरक्षित लिक्विडिटी: मेडिकल इमरजेंसी में प्रीमैच्योर विद्ड्रॉल पर पेनाल्टी कम लगती है।
रियल‑लाइफ उदाहरण — राकेश जी और सुशीला दीदी
केस 1: राकेश (45)
- नौकरी‑पेशा, महीने की बचत 15,000 ₹
- उन्होंने जनवरी 2020 में 1 लाख ₹ की 5 साल एफडी 6.80 % पर खोली।
- जनवरी 2025 में उन्हें करीब ₹1,40,000 मिले, जिससे बच्चों की कॉलेज फ़ीस चुकाई।
केस 2: सुशीला दीदी (67)
- पेंशन 25,000 ₹, मगर मेडिकल खर्च बढ़ रहा था।
- उन्होंने जुलाई 2025 में 5 साल की “वरिष्ठ नागरिक” एफडी 7.35 % पर की—मंथली ब्याज विकल्प चुना।
- अब हर महीने क़रीब ₹615 अतिरिक्त मिलते हैं, जिससे दवाइयों का ख़र्च आराम से निकल जाता है।
टैक्स लाभ और प्रीमैच्योर निकासी के नियम
- धारा 80C टैक्स‑सेवर एफडी में लॉक‑इन 5 साल का होता है; बीच में निकाल नहीं सकते।
- सामान्य एफडी में 1% तक ब्याज पेनाल्टी देकर आपक़ो निकासी की सुविधा मिलती है (बैंक‑टू‑बैंक अलग)।
- TDS सीमा: सामान्य ग्राहक के लिए सालाना 40,000 ₹ से अधिक ब्याज पर टीडीएस, वरिष्ठ के लिए 50,000 ₹ से अधिक।
- फॉर्म 15G/15H जमा कर के आप टैक्टिकली टीडीएस रोक सकते हैं (जब कुल आय टैक्स‑फ्री हो)।
फिक्स्ड डिपॉज़िट चुनते समय क्या‑क्या देखें?
- ब्याज दर बनाम विश्वसनीयता: नई, छोटी बैंकों में दर अक्सर ज़्यादा, पर क्रेडिट रेटिंग भी जाँचें।
- कंपाउंडिंग फ़्रीक्वेंसी: त्रैमासिक कंपाउंडिंग दरिया, मासिक या साधारण कंपाउंडिंग से बेहतर।
- लिक्विडिटी: क्या बैंक ऑनलाइन प्रीमैच्योर ब्रेक की सुविधा देता है?
- बीमा कवरेज: एक बैंक में 5 लाख ₹ से ज़्यादा हो तो रकम को दूसरे बैंक में बाँटें।
- ऑटो‑रिन्यूअल या ऑटो‑स्वीप: मैच्योर होने पर रकम संज्ञान में आए बिना बचत खाते में ट्रांसफर हो जाती है—सुविधा भी और ख़तरा भी।
मेरा निजी अनुभव
मैंने खुद 2022 में एक प्राइवेट बैंक की 5 साल एफडी 6.90 % पर खोली थी। महामारी के दौरान शेयर बाज़ार के उतार‑चढ़ाव से बचते हुए, इस एफडी ने मुझे सुरक्षा और मानसिक शांति दी। जब 2024 में इमरजेंसी फ़ंड चाहिए था, मैंने सिर्फ आधी एफडी तोड़ी—0.5% पेनाल्टी तो लगी, मगर मुख्य रिटर्न ज्यादातर बरकरार रहा। इस अनुभव ने सिखाया कि एफडी “बोरिंग” सही, पर संकट में सबसे भरोसेमंद साथी है।
- अगर उम्र 60+ है तो तुरंत “वरिष्ठ नागरिक” दर पर 5 साल का हिस्सा फिक्स कर दें; बढ़ी हुई ब्याज दर हर महीने राहत देगी।
- युवा निवेशक 5 साल के साथ‑साथ 1‑2 साल की “स्टेगर एफडी” भी बनाकर रेट‑रीसेट से फायदा उठा सकते हैं।
- टैक्स‑सेवर विकल्प पर 80C फायदा लें, मगर लिक्विडिटी की ज़रूरत का आँकलन पहले कर लें।
- ऑनलाइन रेट तुलना टूल या बैंक ऐप से लेटेस्ट दरें चेक करके, आज ही लक्ष्य‑अनुसार रकम फिक्स करें—अगले 5 साल का फ़ाइनेंशियल टेंशन कम हो जाएगा।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
- क्या 5 साल की टैक्स‑सेवर एफडी और सामान्य एफडी में ब्याज दर अलग‑अलग होती है?
हाँ, कुछ बैंकों में टैक्स‑सेवर एफडी पर दर सामान्य 5‑साल एफडी से थोड़ी कम या बराबर ही रहती है, पर लॉक‑इन अनिवार्य होता है। - एफडी तोड़ने पर ब्याज का कितना नुकसान होता है?
अधिकतर बैंक 0.50%–1.00% तक की पेनाल्टी चार्ज करते हैं; कुछ स्कीम “नो‑पेनाल्टी” भी देती हैं, पर दर थोड़ी कम होती है। - वरिष्ठ नागरिक स्कीम में उम्र कैसे गिनी जाती है?
जिस दिन खाता खुलता है, उस तारीख़ तक ग्राहक की उम्र कम‑से‑कम 60 साल होनी चाहिए। कुछ बैंक 55+ को “सुपर सीनियर” अलग लाभ भी देते हैं। - अगर ब्याज सालाना 40,000 ₹ से ज्यादा हो जाए, तो टैक्स कैसे बचाएँ?
कुल करयोग्य आय 2.5 लाख ₹ (वरिष्ठ नागरिक के लिए 3 लाख ₹) से कम है तो फॉर्म 15G/15H जमा करके TDS रोक सकते हैं। -
क्या आरडी (रेकरिंग डिपॉज़िट) 5 साल एफडी से बेहतर है?
आरडी में आप हर महीने जमा करते हैं—रुपये‑कॉस्ट‑ऐवरेजिंग जैसा फ़ायदा—but कंपाउंडिंग अवधि छोटी रहती है, इसलिए अगर एकमुश्त रकम है तो 5 साल की एफडी अधिक रिटर्न देती है।