117 साल पुराना रजिस्ट्रेशन कानून खत्म! अब 1 अगस्त 2025 से Digital तरीके से होगी ज़मीन की रजिस्ट्री – जानिए नया सिस्टम | Digital Land Registry 2025

Digital Land Registry 2025 – 117 साल बाद देश में एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है। अब तक ज़मीन की रजिस्ट्री के लिए जो पुराना और पेचीदा कानून चल रहा था, उसे सरकार ने पूरी तरह से खत्म कर दिया है। 1 अगस्त 2025 से पूरे भारत में ज़मीन की रजिस्ट्री पूरी तरह Digital तरीके से होगी। यानी अब न तो किसी रजिस्ट्री ऑफिस के चक्कर लगाने होंगे और न ही बिचौलियों के हाथों परेशान होना पड़ेगा। सरकार का दावा है कि इससे जमीन खरीदने-बेचने की प्रक्रिया और ज्यादा पारदर्शी, आसान और सुरक्षित हो जाएगी। अगर आपने कभी ज़मीन की रजिस्ट्री करवाई है या करवाने की सोच रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद अहम है।

117 साल पुराना रजिस्ट्रेशन एक्ट खत्म – अब डिजिटल रजिस्ट्रेशन

अब तक भारत में ज़मीन की रजिस्ट्री “Indian Registration Act, 1908” के तहत होती थी, जो 117 साल पुराना था। इस कानून में बहुत सी जटिलताएं थीं, जैसे:

  • मैनुअल डॉक्युमेंट वेरिफिकेशन
  • लंबी कतारें और तारीख़ों की दिक्कत
  • भ्रष्टाचार और बिचौलियों की भूमिका
  • गलत रजिस्ट्री या फर्जीवाड़े के मामले

सरकार ने इस कानून को पूरी तरह से खत्म करके नया “Digital Land Registration Act 2025” लागू कर दिया है, जो 1 अगस्त 2025 से पूरे देश में प्रभावी होगा।

नया डिजिटल सिस्टम कैसे करेगा काम?

इस नए सिस्टम के तहत, ज़मीन की रजिस्ट्री अब पूरी तरह ऑनलाइन होगी। नीचे जानिए इसके स्टेप्स:

  • आधार आधारित पहचान: खरीदार और विक्रेता दोनों को आधार से वेरीफाई किया जाएगा।
  • ऑनलाइन दस्तावेज़ अपलोड: ज़मीन के सभी दस्तावेज़ पोर्टल पर अपलोड किए जाएंगे।
  • ई-स्टांपिंग: पेपर स्टांप की जगह अब ई-स्टांपिंग से रजिस्ट्री होगी।
  • डिजिटल हस्ताक्षर: दस्तावेज़ों पर डिजिटल सिग्नेचर से मान्यता मिलेगी।
  • ऑटो-जेनरेटेड रजिस्ट्री नंबर: रजिस्ट्री के तुरंत बाद ऑनलाइन नंबर मिलेगा।
  • पोर्टल से सर्टिफिकेट डाउनलोड: अंतिम रजिस्ट्री सर्टिफिकेट यूज़र अपने मोबाइल या कंप्यूटर पर डाउनलोड कर सकेगा।

नए डिजिटल रजिस्ट्रेशन सिस्टम के फायदे

  • बिचौलियों और दलालों से छुटकारा
  • भ्रष्टाचार में भारी गिरावट
  • घर बैठे ज़मीन की रजिस्ट्री
  • समय और पैसे दोनों की बचत
  • फर्जीवाड़े पर पूर्ण विराम
  • पारदर्शिता और सुरक्षा बढ़ेगी

एक आम नागरिक का अनुभव – डिजिटल प्रक्रिया कैसी रही?

रामपुर के रहने वाले अमित चौहान ने नया सिस्टम लागू होने से पहले ही इसका ट्रायल इस्तेमाल किया। उन्होंने बताया, “पहले मुझे 3 हफ्ते तक तहसील के चक्कर काटने पड़े थे, लेकिन अब सिर्फ 1 दिन में पूरी प्रक्रिया पूरी हो गई। मुझे न तो किसी एजेंट को पैसे देने पड़े, न ही कोई लाइन में लगना पड़ा। मोबाइल पर ही OTP आया और रजिस्ट्री हो गई।”

जानिए किन राज्यों में पहले लागू होगा ये सिस्टम

हालांकि 1 अगस्त 2025 से ये कानून पूरे भारत में लागू हो रहा है, लेकिन शुरुआत में कुछ राज्यों में यह सिस्टम पहले एक्टिव होगा। जानिए पहले चरण में शामिल राज्य:

राज्य का नाम लागू होने की तारीख तैयारी की स्थिति
दिल्ली 1 अगस्त 2025 पूरी तरह तैयार
उत्तर प्रदेश 1 अगस्त 2025 ट्रायल पूरा
महाराष्ट्र 1 अगस्त 2025 90% प्रोसेस डिजिटल
कर्नाटक 1 अगस्त 2025 डिजिटल पोर्टल लाइव
गुजरात 1 अगस्त 2025 ई-साइन इंटीग्रेटेड
राजस्थान 1 अगस्त 2025 सर्वर अपग्रेडेड
मध्य प्रदेश 1 अगस्त 2025 काउंटर फ्री सिस्टम

किन दस्तावेज़ों की होगी जरूरत?

डिजिटल ज़मीन रजिस्ट्री के लिए निम्नलिखित दस्तावेज़ों की जरूरत होगी:

  • विक्रेता और खरीदार का आधार कार्ड
  • ज़मीन की पिछली रजिस्ट्री कॉपी
  • खसरा/खतौनी की नकल
  • बिजली/पानी का बिल (प्रूफ ऑफ एग्ज़िस्टेंस)
  • पासपोर्ट साइज फोटो
  • बैंक अकाउंट डिटेल्स (पेमेंट के लिए)
  • ई-स्टांप नंबर

क्या ग्रामीण इलाकों के लिए भी यह आसान होगा?

बहुत से लोग सोच रहे हैं कि गांवों में जहां इंटरनेट की समस्या है, वहां ये सिस्टम कैसे चलेगा? इसके लिए सरकार ने CSC (Common Service Centre) को एक्टिवेट किया है। हर पंचायत में CSC सेंटर से लोग यह सुविधा ले सकते हैं।

इसके अलावा मोबाइल ऐप भी लांच किया गया है जो ऑफलाइन मोड में भी रजिस्ट्री प्रोसेस को स्टोर करके बाद में सबमिट कर सकता है।

क्या यह सिस्टम पूरी तरह सुरक्षित है?

सरकार ने इस पोर्टल को अत्याधुनिक सिक्योरिटी फीचर्स के साथ तैयार किया है:

  • Biometric वेरीफिकेशन
  • OTP और मोबाइल लिंकिंग
  • डॉक्युमेंट एन्क्रिप्शन
  • लाइव वीडियो वेरीफिकेशन

इन सबके चलते कोई भी व्यक्ति फर्जी दस्तावेज़ से रजिस्ट्री नहीं करवा सकेगा।

मेरी व्यक्तिगत राय और अनुभव

मेरे एक करीबी रिश्तेदार ने 2023 में जब ज़मीन खरीदी थी तो सिर्फ रजिस्ट्री कराने में ₹12,000 एजेंट को देने पड़े थे। कागजों में गड़बड़ भी हुई, जिसे ठीक करवाने में 3 महीने लग गए। अगर तब यह डिजिटल सिस्टम होता, तो न पैसा जाता, न समय बर्बाद होता। ये नया नियम उन लाखों लोगों के लिए वरदान है जो अब खुद से अपनी ज़मीन की रजिस्ट्री कर सकेंगे।

Digital Land Registry 2025 एक क्रांतिकारी कदम है जो भारत के रियल एस्टेट सेक्टर को पूरी तरह बदल देगा। पारदर्शिता, सुरक्षा और समय की बचत के लिहाज से यह आम नागरिक के लिए एक बड़ा तोहफा है। अगर आप भी ज़मीन खरीदने-बेचने की सोच रहे हैं, तो अब इस प्रक्रिया को समझकर खुद ही डिजिटल पोर्टल के जरिए रजिस्ट्री करवा सकते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

प्र1: डिजिटल ज़मीन रजिस्ट्री के लिए मुझे कहां जाना होगा?
उत्तर: आपको कहीं जाने की जरूरत नहीं, यह प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन पोर्टल और ऐप से होगी।

प्र2: क्या यह सिस्टम गांवों में भी लागू होगा?
उत्तर: हां, सरकार ने हर पंचायत में CSC सेंटर तैयार किए हैं और ऐप ऑफलाइन मोड में भी काम करेगा।

प्र3: क्या इस प्रक्रिया में एजेंट की मदद लेनी जरूरी है?
उत्तर: नहीं, अब आप खुद घर बैठे पूरी प्रक्रिया कर सकते हैं।

प्र4: रजिस्ट्री का डिजिटल सर्टिफिकेट कब मिलेगा?
उत्तर: रजिस्ट्री कंप्लीट होते ही आपको डिजिटल सर्टिफिकेट तुरंत ऑनलाइन डाउनलोड करने का विकल्प मिलेगा।

प्र5: क्या यह प्रक्रिया सुरक्षित है?
उत्तर: हां, सरकार ने OTP, biometric, और encryption के ज़रिए इसे पूरी तरह सुरक्षित बनाया है।

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