7th Pay Commission Special Leave Update – सरकारी नौकरी करने वालों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। अब उन्हें पहले से ज्यादा छुट्टियों का लाभ मिलेगा। सरकार ने 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत स्पेशल लीव पॉलिसी में बदलाव किए हैं, जिससे केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों की ज़िंदगी और भी सुविधाजनक बन सकती है। जो कर्मचारी अब तक केवल सीमित छुट्टियों का ही लाभ उठा पाते थे, उनके लिए यह बदलाव किसी बोनस से कम नहीं है। खासतौर पर वे कर्मचारी जो पारिवारिक जिम्मेदारियों या स्वास्थ्य संबंधी कारणों से अतिरिक्त अवकाश की ज़रूरत महसूस करते थे, अब उन्हें राहत मिल सकती है। आइए विस्तार से जानते हैं कि ये नई गाइडलाइन क्या कहती हैं, किसे कितना फायदा मिलेगा, और किन शर्तों पर एक्स्ट्रा लीव मिल पाएगी।
7वें वेतन आयोग की नई गाइडलाइन क्या है?
7th Pay Commission के तहत केंद्र सरकार ने स्पेशल लीव पॉलिसी में कुछ अहम संशोधन किए हैं। इन बदलावों का मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों को वर्क-लाइफ बैलेंस देना और मानसिक तनाव को कम करना है।
- कर्मचारियों को अब विशेष परिस्थितियों में अतिरिक्त छुट्टियों की सुविधा मिलेगी
- इन छुट्टियों का भुगतान भी किया जाएगा यानी ये Paid Leaves होंगी
- जिन कर्मचारियों के परिवार में बीमार सदस्य हैं, वे भी इसका लाभ ले सकेंगे
- महिला कर्मचारियों को मैटरनिटी लीव के अतिरिक्त भी छुट्टियों का लाभ मिलेगा
किसे मिलेगा एक्स्ट्रा लीव का फायदा?
नई गाइडलाइन में कुछ विशेष वर्गों के कर्मचारियों को प्राथमिकता दी गई है:
- महिला कर्मचारी: उन्हें Maternity Leave के बाद भी Parental Care या बच्चों की देखरेख के लिए Extra Leave मिल सकेगी।
- Divyangjan कर्मचारी: दिव्यांग कर्मचारियों को स्वास्थ्य कारणों से अधिक छुट्टियों की सुविधा दी जाएगी।
- देखभाल करने वाले कर्मचारी (Caregivers): जिनके परिवार में बीमार माता-पिता या बच्चे हैं, उन्हें अतिरिक्त छुट्टी मिलेगी।
- सीनियर सिटीजन माता-पिता की सेवा में लगे कर्मचारी को विशेष छुट्टी मिलेगी।
कितनी छुट्टियां मिलेंगी और कैसे?
सरकार ने अभी तक फिक्स संख्या नहीं बताई है, लेकिन संकेत दिए हैं कि:
- हर साल अधिकतम 15 दिन तक की स्पेशल लीव मिल सकती है
- यह छुट्टियां नॉर्मल Earned Leave से अलग होंगी
- अगर कर्मचारी छुट्टियों का सही कारण देता है और जरूरी दस्तावेज जमा करता है, तभी छुट्टी स्वीकृत होगी
नीचे एक संभावित तालिका है जिससे आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कि किन परिस्थितियों में कितनी छुट्टी मिल सकती है:
छुट्टी का प्रकार | छुट्टी की अवधि | पात्र कर्मचारी | विशेष शर्तें |
---|---|---|---|
स्वास्थ्य देखभाल छुट्टी | 10-15 दिन | बीमार माता-पिता या बच्चों वाले | मेडिकल सर्टिफिकेट अनिवार्य |
दिव्यांगजन विशेष छुट्टी | 12-18 दिन | दिव्यांग कर्मचारी | प्रमाण पत्र जरूरी |
महिला मैटरनिटी एक्सटेंशन | 30 दिन तक | महिला कर्मचारी | बच्चों की देखभाल के उद्देश्य से |
मानसिक स्वास्थ्य छुट्टी | 7-10 दिन | सभी सरकारी कर्मचारी | मनोचिकित्सक की सिफारिश जरूरी |
पोस्ट-ऑपरेशन रिकवरी छुट्टी | 15 दिन | ऑपरेशन के बाद रिकवर हो रहे कर्मचारी | अस्पताल से डिस्चार्ज रिपोर्ट अनिवार्य |
रियल लाइफ उदाहरण: कैसे मिल रही है लोगों को राहत
उदाहरण 1: सीमा शर्मा, केंद्रीय विद्यालय की टीचर
सीमा जी के पिता गंभीर रूप से बीमार थे। पहले उन्हें केवल Earned Leave ही मिल पाती थी। लेकिन अब उन्हें 10 दिनों की स्पेशल लीव मिली जिससे वह पिता की देखभाल अच्छे से कर सकीं।
उदाहरण 2: रोहित वर्मा, रेलवे कर्मचारी
रोहित की पत्नी की डिलीवरी के बाद वह चाहते थे कि कुछ दिन घर पर रहें, लेकिन छुट्टी सीमित थी। नई गाइडलाइन के तहत उन्हें Extra 15 दिन की छुट्टी मिल गई।
उदाहरण 3: कविता मिश्रा, डाक विभाग
कविता जी की बेटी को ऑपरेशन के बाद देखभाल की जरूरत थी। उन्होंने विशेष छुट्टी की मांग की और मेडिकल दस्तावेजों के आधार पर उन्हें तुरंत छुट्टी मिल गई।
छुट्टी लेने की प्रक्रिया क्या होगी?
सरकार ने साफ किया है कि ये छुट्टियां सिर्फ Genuine Reasons पर ही मिलेंगी। इसके लिए एक सख्त प्रक्रिया लागू की गई है:
- विभागीय फॉर्म भरना होगा
- मेडिकल रिपोर्ट या अन्य दस्तावेज जमा करने होंगे
- छुट्टी को संबंधित अधिकारी से अप्रूवल लेना होगा
- सिस्टम में एंट्री होने के बाद ही छुट्टी स्वीकृत मानी जाएगी
क्या यह सभी सरकारी कर्मचारियों पर लागू होगा?
फिलहाल यह नई गाइडलाइन केंद्र सरकार के कर्मचारियों पर लागू होगी, लेकिन संभावना है कि जल्द ही इसे राज्य सरकारें भी अपनाएंगी। शिक्षा, स्वास्थ्य, रेलवे, बैंकिंग, डाक विभाग जैसे सभी सेक्टर के कर्मचारियों को इसका फायदा मिल सकता है।
इस फैसले का कर्मचारियों पर क्या असर होगा?
इस नए फैसले से सरकारी कर्मचारियों को न सिर्फ मानसिक राहत मिलेगी, बल्कि उन्हें अपने परिवार के साथ ज्यादा समय बिताने का मौका भी मिलेगा। साथ ही इससे उनके काम की उत्पादकता (Productivity) भी बढ़ेगी क्योंकि वे तनावमुक्त होकर काम कर पाएंगे।
सरकार का यह कदम वाकई में तारीफ के काबिल है। वर्क-लाइफ बैलेंस को बेहतर करने के लिए इस तरह के फैसले बेहद जरूरी हैं। जब कर्मचारी अपने परिवार और स्वास्थ्य का ख्याल अच्छे से रख पाएंगे, तभी वे ऑफिस में भी 100% दे पाएंगे।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
प्रश्न 1: क्या यह छुट्टियां सिर्फ महिला कर्मचारियों को मिलेंगी?
उत्तर: नहीं, यह छुट्टियां महिला और पुरुष दोनों सरकारी कर्मचारियों को मिल सकती हैं।
प्रश्न 2: क्या ये स्पेशल लीव Paid होगी?
उत्तर: हां, यह छुट्टियां Paid होंगी यानी सैलरी में कोई कटौती नहीं होगी।
प्रश्न 3: क्या यह नियम राज्य सरकार के कर्मचारियों पर भी लागू होगा?
उत्तर: अभी सिर्फ केंद्र सरकार के लिए है, लेकिन राज्य सरकारें भी इसे जल्द लागू कर सकती हैं।
प्रश्न 4: क्या छुट्टी के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट जरूरी होगा?
उत्तर: हां, अगर छुट्टी स्वास्थ्य कारणों से ली जा रही है तो मेडिकल सर्टिफिकेट अनिवार्य होगा।
प्रश्न 5: क्या छुट्टियों की संख्या तय है?
उत्तर: अभी तक सरकार ने कोई फिक्स संख्या नहीं बताई है, लेकिन 10-15 दिन की छुट्टियों की बात सामने आ रही है।